Here is Women’s day Poem in Hindi Language. Hindi Poem On Mahila Diwas Mahila Diwas Par Kavita – Women’s Day in Hindi
पूरा विश्व 8 मार्च कोअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बनाताहै। महिलाओं केसम्मान के लिएघोषित इस दिनका उद्देश्य सिर्फमहिलाओं के प्रतिश्रद्दा और सम्मानबताना है। एकमहिला के बिनाकिसी भी व्यक्तिजीवन सृजित नहींहो सकता हैइसलिए इस दिनको महिलाओं केआर्थिक, राजनीतिक और सामाजिकउपलब्धियों के उपलक्ष्यमें सेलिब्रेट कियाजाता है। आठ मार्चयानी वह दिनजब पूरी दुनियाबिजी शेड्यूल मेंसे कुछ समयनिकालकर अपने आसपासमौजूद महिलाओं औरउनकी मौजूदगी कोसलाम करती है।आठ मार्च 2017 कोदुनिया 107वां अतंराष्ट्रीय महिला दिवसमना रही है।यूं तो रोजमर्राकी जिंदगी मेंआप महिलाओं केयोगदान को कभीनहीं आंक सकतेहैं लेकिन यहएक दिन ऐसाहोता है जबदुनिया की सभीमहिलाओं के योगदानको सराहा जाताहै।
Contents
Hindi Poem On Mahila Diwas
इस युग में कृष्ण का इंतज़ार ना करो द्रौपदी
घोर कलयुग की है यह इक्कीसवी सदी
यहाँ तुम्हें अपनी रक्षा स्वयं करनी होगी
आँसू से नही अंगारों से अपनी आँखें भरनी होंगी
कृष्ण के भेष मे दुशासन घात लगाएँ बैठे हैं
जिनसे आशा है तुमको, ईमान बेचकर बैठें है
लाज-हीनों की यह सभा, लाज यहाँ ना बच सकती
शस्त्र उठा लो द्रौपदी, नही और कुछ कर सकती
मेहंदी से नही तलवारों से इन हाथों का श्रींगार करो
द्युत उठाए बैठे शकुनी, तुम बस सीधा वार करो
अंधे, बहरे, गुँगे हैं, यहाँ के राजा और प्रजा
तुमको ही देनी होगी, अपराधी को घोर सज़ा
Mahila Diwas Par Kavita
री शक्ति पर कविता – आज की भारतीय नारी
नारी शक्ति पर कविता – आज की भारतीय नारी- mahila diwas – आज की नारी अबला नही सबला है. हम भारतीय नारियों की तो बात ही अलग है … ढेरो परेशानियों के बावजूद भी हमेशा सकारात्मक सोच रखती हुई आगे बढती जाती हैं और अपनी बात कुछ इस तरह से कह जाती है
नारी शक्ति पर कविता – आज की भारतीय नारी-
सुनिए मेरी लिखी कविता मेरी ही आवाज में अच्छे लगते हैं … पीले पत्ते
सूखी टहनियां
अंधकार से धिरा आसमान
पथरीला रास्ता
कांटो भरी राह
अनुत्तरित प्रश्नो को तलाशती सूनी निगाह
Women’s Day in Hindi:
Hindi Poem On Mahila Diwas Mahila Diwas Par Kavita – Women’s Day in Hindi
अच्छे लगते हैं ( कविता)
अच्छे लगते हैं
पीले पत्ते
सूखी टहनियां
अंधकार से धिरा आसमान
पथरीला रास्ता
कांटो भरी राह
अनुत्तरित प्रश्नो को तलाशती सूनी निगाह
इसलिए नही
कि हौसळे बुलंद हैं
जोश है कुछ कर दिखाने का या मन मे भरा है धैर्य, आत्मविश्वास
जुनून है, लग्न है कि जीतना ही है
नही
बल्कि इसलिए कि
मै हूं नारी
ईश्वर की अनमोल सरंचना
एक तोहफा
जन्मदात्री हू ना
इसलिए जानती हूं
कि
पीडा मे कितना सुख है
इसलिए तो तैयार हूं
अंगारो भरी राह पर खुद को समर्पित करने को
तभी तो
अच्छे लगते हैं
बडे अच्छे लगतें हैं
पीले पत्ते
सूखी टहनियां
अंधकार से धिरा आसमान ….!!!
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Originally posted 2018-02-21 17:23:34.